1959 में स्थपित अभ्यास मंडल की अनवरत सक्रियता का 64 वां वर्ष है | विकास व विचार की अभ्यास मंडल की गतिविधियों को एक विशाल वृक्ष की दो शाखाओं या कलकल बहती निर्झरणी की दो धाराओं की तरह देखा जा सकता है| वैचारिक अभियान में अपनी ग्रीष्मकालीन व्याख्यानमाला तथा मासिक व्याख्यान के तहत ज्ञान, विज्ञान, धर्म, दर्शन, साहित्य, संस्कृति, अर्धशास्त्र, इतिहास, समाजशास्त्र, राजनीति, विचारधारा, मीडिया, संविधान, पर्यावरण, खेल, आदि विभिन्न क्षेत्र/अनुशासन के विशेषज्ञ व विचारो को आमंत्रित कर, श्रोता बिरादरी के लिए विचार सेतु की भूमिका का निर्वाह किया है | शहर व आस पास के क्षेत्र के समग्र विकास व बुनियादी मुद्दों यथा शिक्षा, स्वास्थ, पानी, पर्यवरण, यातायात आदि के लिए गंभीर व सार्थक प्रयास के साथ जागरूकता अभियान के माध्यम से भी पहल की जाती रही है | कान्ह सरस्वती नदी पुनर्जीवन के लिए सतत् अभियान के माध्यम से प्रयास किए जा रहे है |
अभ्यास मंडल के मार्ग दर्शक
सर्वश्री आनंद मोहन माथुर
मनोहर देव
अशोक चितले
डॉ. भरत छपरवाल
मुकुंद कुलकर्णी
शरद बुलाख
आलोक खरे
सर्वश्री श्यामसुंदर यादव
डॉ. गौतम कोठरी
अरविंद तिवारी
अजीतसिंह नारंग
अशोक बड़जात्या
अशोक जायसवाल
प्रवीण खारीवाल
अभ्यास मंडल की प्रमुख गतिविधियां
नर्मदा आन्दोलन, ग्राम नगर सहकार योजना, बाल आनंद महोत्सव, युवा महोत्सव, ग्रीष्मकालीन व्याख्यानमाला, मासिक व्याख्यान चर्चा एवं सेमिनार, कान्ह व सरस्वती नदी पुनर्जीवन अभियान, नगर हित में मास्टर प्लान, महानगर, पर्यावरण, रेल्वे विकास, यातायात सुधार आदि कई योजनाओं में यथा संभव योगदान